आपको बता दे कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयाग राज के ‘माघ मेले’ के संतों ने ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ की स्थापना की हैं. जो यह चेक करेगा कि किन फिल्मों, सीरीज या डॉक्युमेंट्री में हिंदू की संस्कृति की मज़ाक उड़ाया जा रहा हैं. आईये जानते हैं क्या है पूरा मामला विस्तार से.
संतो द्वारा की गई ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ की स्थापना
आपको बता दें कि हाल ही में प्रयागराज के ‘माघ मेला’ के संतो के द्वारा ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ की स्थापना की गई। बता दें कि इस धर्म सेंसर बोर्ड की स्थापना करने के पीछे का कारण बताते हुए संतो ने कहा कि, यह सेंसर बोर्ड अब इस बात का जांच करेगा कि किन फिल्म, सीरीज या फिर डॉक्यूमेंट्री फिल्म में हिंदू धर्म से जुड़ी हुए संस्कृति, मान्यताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ की स्थापना
आपको बता दें कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती इस ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ की स्थापना की है। जिसमें कुल 10 सदस्य शामिल है। बता दे कि शंकराचार्य ने इस बोर्ड के बारे में बात करते हुए कहा कि, यह बोर्ड हिंदू परंपरा की मानहानि को रोकने के लिए बनाया गया है। बता दे कि गुरुवार को जारी इस बोर्ड की गाइडलाइंस में बताया गया कि अब सेंसर बोर्ड की तर्ज पर ही मनोरंजन सामग्री को दिखाई जाएगी।
हिन्दू धर्म और संस्कृति से जुड़े हुए लोग शामिल है बोर्ड में
शंकराचार्य ने न्यूज़ रिपोर्टर्स से बात करते हुए कहा कि इस बोर्ड में हिंदू धर्म और संस्कृति से जुड़े हुए कई दिग्गज लोग शामिल किए गए हैं। शंकराचार्य ने आगे कहा कि यह बोर्ड हिन्दू-देवी देवताओं का अपमान करने वाले या हिन्दू संस्कृति का मज़ाक उड़ाने वाले किसी भी फिल्म में मौजूद सामग्री का प्रसारण रोकने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा। बता दे कि फिलहाल खुद शंकराचार्य इस बोर्ड की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
इससे सेंसर बोर्ड और सरकार की जाएगी मदद
आपको बता दे कि इस बोर्ड के द्वारा उन फिल्मों के निर्माण को रोका जायेगा। जो अपनी सामग्री के जरिये हिन्दू-देवी देवताओं का मज़ाक या अपमान करेंगे। शंकराचार्य ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि,’सस्ती लोकप्रियता के लिए सनातन संस्कृति को विकृत करने वाली फिल्मों, धारावाहिकों और धारावाहिकों का निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने आगे कहा कि इसे सेंसर बोर्ड और सरकार की मदद के लिए बनाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘बोर्ड सीरियल और वेब सीरीज बनाने वाले सभी फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों से संपर्क कर उन्हें इस संबंध में सूचित करेगा। इसके बावजूद अगर ऐसी फिल्में और धारावाहिक बनाए गए जो “हिंदू विरोधी” और आस्था को ठेस पहुंचाने वाली होगी, तो हिंदू समाज से उन्हें न देखने की अपील की जाएगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर विभिन्न माध्यमों से विरोध भी दर्ज कराया जाएगा।’
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