हे भारत के गौरव नन्दन तेरा करते हम अभिनंदन
अटक चुकी है साँस पाक की बोल बन्द कलरव कृत क्रंदन |
है सल्यूट तेरे जज़्बे को सत-सत नमन तुझे अभिनंदन ||
पँराशूट से नीचे आकार , अभिनंदन उत्कर्ष किया |
ये धरती भारत की अथवा , पाक ज़मी यह प्रश्न किया ||
नश्ल – नापाकी विषदांतों ने झूठ बोल भारत कह ड़ाला |
अपनी घृणित सोच पर उसने पुनः एक मोटी तह डाला ||
किन्तु समझ सब सिंह पुत्र ने यह उनको सीधा बतलाया |
पाक है मुर्दाबाद वीर ने लगा के नारा सबक सिखाया ||
सुन नारे नापाकी सेना अपना रूप दिखा बैठी |
त्याग सैन्य मर्यादा तक वो कोठे तक में जा बैठी ||
वाह अभिनंदन ! रे अभिनंदन ! गर्व देश को तुझ पर है |
माँ ने आँचल बिछा दिया अब सब अथर्व बस तुझ पर है ||
बहुत दूर तक दौड़ लगाता निकल गया वो बामी से |
पास नदी में जा वह कूदा कृत उसके सतकामी से ||
डॉक्युमेंट को आड़-फाड़ खा बहा दिए कुछ भ्रष्ट किये |
पाक -शिकंजे में पहुँचा जब सब कुछ उसने नष्ट किये ||
ना सैयाम को वह खोया था ना उसने कुछ गलत किया |
देश नाज से तेरे आगे झुक पौरुष उद्वलत किया ||
हे भारत के गौरव नन्दन तेरा करते हम अभिनंदन |
है सल्यूट तेरे जज़्बे को सत-सत नमन तुझे अभिनंदन ||
___Rajesh Tiwari.
(स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित)