आज नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेताओं की लिस्ट में शामिल हैं। नवाजुद्दीन ने कड़ी मेहनत और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से यह मुकाम हासिल किया है। आपने इस प्रतिभाशाली अभिनेता को एक से बढ़कर एक दमदार भूमिका में देखा है। मगर इस मुकाम तक पहुंचने के लिए इस अभिनेता को काफी संघर्ष करना पड़ा। फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने का सपना देख रहे लाखों युवाओं के लिए नवाजुद्दीन प्रेरणा स्वरूप हैं। एक साधारण परिवार से निकलकर देश का सुपरस्टार बनने तक का सफर नवाजुद्दीन के लिए उतना आसान नहीं था। मगर अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से नवाजुद्दीन ने यह संभव करके दिखाया। आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा नवाजुद्दीन के संघर्ष भरे सफर के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कैसे एक एक गरीब परिवार से निकलकर नवाजुद्दीन बने देश के सुपरस्टार।
8 भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं नवाज़ुद्दीन
आपको बता दें कि नवाज़ुद्दीन सिद्धकी का जन्म 19 मई 1974 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। आपको बता दें कि अपने 8 भाई बहनों में नवाजुद्दीन सबसे बडे़ हैं। नवाजुद्दीन काफी साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता एक किसान और बुनकर थे और उनकी मां एक हाउसवाइफ थीं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी का बचपन काफी संघर्ष भरा रहा। आपको बता दें कि नवाजुद्दीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के सरकारी स्कूल से ही की। अपने घर से स्कूल तक पहुंचने के लिए नवाजुद्दीन को लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। मगर जीवन की कठिनाइयों के सामने उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
जब वह बड़े हुए तो काम की तलाश में वह दिल्ली आ गए। दिल्ली पहुंच कर उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किए। आपको बता दें कि नवाजुद्दीन ने एक खिलौने की फैक्ट्री में चौकीदार का भी काम किया। इसी दौरान उनके अंदर एक्टर बनने की इच्छा जगी। एक्टिंग के जुनून की वजह से नवाजुद्दीन ने थिएटर ज्वाइन कर लिया। नवाजुद्दीन के जूनून का ही नतीजा था कि उन्हें दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला मिल गया। साल 1996 में वह ग्रेजुएट हुए। कुछ समय थिएटर में काम करने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने के लिए वह मुंबई चले आए।
फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाना इतना आसान नहीं था। नवाजुद्दीन को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बता दे की पैसे की तंगी की वजह से कई-कई दिनों बिस्किट खा कर वह अपना गुजारा करते थे। इसके अलावा उनके साधारण कद काठी और लुक्स की वजह से भी उन्हें फिल्मों में रोल मिलने में कठिनाई हो रही थी। उनके लुक्स की वजह से उन्हें हर बार रिजेक्ट कर दिया जाता था। मगर उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी।
निभाई जेबकतरे की भूमिका
आपको बता दें कि थिएटर में कुछ समय काम करने के बाद नवाजुद्दीन ने फिल्मों की ओर रुख किया। वह पहली बार साल 1999 में रिलीज हुई फिल्म ‘सरफरोश’ में दिखाई दिए थे। मगर इस फिल्म में उन्हें काफी छोटा करदार मिला था। इसके बाद साल 2007 में आई फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ में नवाजुद्दीन दिखाई दिए। इस फिल्म में उनका किरदार काफी छोटा था। मगर उनके एक्टिंग प्रतिभा की काफी तारीफ हुई थी। फिल्म में उनके प्रदर्शन की काफी सराहना की गई।
इसके बाद साल 2008 में नवाजुद्दीन फिल्म ‘आमिर’ में दिखाई दिए। इस फिल्म में भी उनका काफी छोटा सा रोल था।
मगर अपनी दमदार एक्टिंग से नवाजुद्दीन ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके बाद वे ‘न्यूयॉर्क’ ‘पीपली लाइव’ और ‘कहानी’ जैसी कई फिल्मों में सहायक भूमिका में दिखाई दिए। फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ में नवाजुद्दीन ने जेबकतरे की भूमिका निभाई थी। मगर साल 2012 में रिलीज हुई फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की किस्मत पूरी तरह से बदल दी। इस फिल्म के बाद नवाजुद्दीन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इस फिल्म में नवाजुद्दीन ने गैंगस्टर फैजल खान की भूमिका में समीक्षकों और दर्शकों की भरपूर वाहवाही लूटी। इस फिल्म के बाद वह बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं के रूप में स्थापित हो गए। इसके बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी की कई फिल्में आई। इन फिल्मों में नवाजुद्दीन मुख्य भूमिका में नजर आए। अब तक के अपने फिल्मी करियर में नवाजुद्दीन ने ‘द लंचबॉक्स’ ‘मांझी द माउंटेन मैन’ ‘रमन राघव 2.0’ और ‘मंटो’ जैसी फिल्मों में अपने दमदार एक्टिंग का लोहा मनवाया। इसके अलावा नवाजुद्दीन कई अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं।