भारत को आप एक ऐसा देश कह सकते हैं। जहां पर्याप्त संसाधन मौजूद ना होने के बावजूद लोग अपनी मेहनत और लगन के बलबूते वह मुकाम हासिल कर लेते हैं। जो शायद कोई नॉर्मल इंसान सोच भी नहीं सकता। यहां के लोग गरीबी और हर मुसीबत का सामना करते हुए अपने सपने को पाने का हौसला रखते हैं। आज हम आपको भारत के एक ऐसे ही व्यक्ति से मिलाने जा रहे हैं। जिन्होंने हर मुसीबत से लड़ते हुए और अपनी गरीबी को दरकिनार करते हुए। अपनी मेहनत और लगन के बलबूते अपने सपने को पूरा कर ऑफिसर बन गए।
इस तरह से एक कुली बना आईएएस ऑफिसर
आपको बता दें कि भारत में ज्यादातर परिवार गरीबी का सामना कर रहे हैं। ये लोग अपनी दो वक्त की रोटी के लिए अलग-अलग जगहों पर छोटा-मोटा काम करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं। जो अपनी दो वक्त की रोटी के लिए रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करता था। वक्त के लिए वह दूसरों के बोझ उठाकर उनका बोझ कम करता था। लेकिन यह छोटा सा काम करते हुए भी उस लड़के के आंखों में बहुत बड़े सपने पल रहे थे।
बिना संसाधन के ऐसे पूरा किया अपना सपना
बता दे कि जब यह लड़का जब दूसरों को सूट-बूट पहन कर चलता हुआ देखता था। वह अपने मन में सोचता था कि वह भी किसी दिन ऐसा ही सूट-बूट पहनेगा और बड़ा आदमी बनेगा। इस लड़के ने अपनी आंखों में अफसर बनने के ख्वाब सजा रखे थे। लेकिन अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उस लड़के के पास ना तो घर था, ना किताबें और ना कोई अन्य सुविधाएं। उसके पास अगर कुछ था, तो वह था उसकी गरीबी और लाचारी से भरी हुई जिंदगी। लेकिन उसने अपना हौसला नहीं टूटने दिया और अपने सपनों को पूरा करने की जिद्द ठानी।
रेलवे के वाईफाई को बनाया अपने पढाई का संसाधन
कहते हैं ना जब आप भी एक कदम बढ़ाओ तो रास्ता खुद व खुद बनता चला जाता है। उस लड़की ने अपनी पढ़ाई करने के लिए रेलवे वाईफाई का इस्तेमाल किया। और फिर कड़ी मेहनत से जी जान लगाकर पढ़ने लगा। वह अपने काम के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को भी मैंनेज करता था। फिर उसने एक दिन यूपीएससी की परीक्षा दी और उसे पास कर लिया। बता दें कि हम जिस आईएएस ऑफिसर के संघर्ष की कहानी आपको बता रहे हैं। उनका नाम आईएएस ऑफिसर श्रीकांत है।
परिवार की जिम्मेदारियों की वजह से 10वीं के बाद करने लगे थे कुली का काम
आपको बता दें कि रेलवे स्टेशन पर काम करने वाला यह कुली केरल का रहने वाला आईएएस ऑफीसर श्रीकांत है। जिन्होंने आईएएस ऑफिसर बनकर सबको चौंका दिया था। जैसा कि हमने आपको बताया श्रीकांत केरल के रहने वाले हैं। श्रीकांत गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने अपने परिवार का खर्चा उठाने के लिए 10वीं पास करने के बाद। वहीं के एक रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करना शुरू कर दिया। बिना संसाधन के श्रीकांत मात्र रेलवे के वाईफाई से अपनी पढ़ाई पूरी कर यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को क्रैक कर लिया।
बोझ उठाते वक्त भी सुनते थे ऑडियो क्लिप
बता दें कि काम करने के दौरान श्रीकांत के पास पढ़ाई करने का समय नहीं मिल पाता था। लेकिन उन्होंने अपनी टाइम को मैनेज किया और काम के दौरान जितने भी वक्त मिलते थे। उसमें वह पढ़ना शुरु कर देते थे। बता दें कि श्रीकांत अपना नोट अपने फोन के नोटपैड पर ही बनाते थे। इतना ही नहीं जब हुआ काम कर रहे होते थे। तब भी वह बुक्स के ऑडियो क्लिप सुना करते थे। वह अपनी पढ़ाई रेलवे स्टेशन पर ही पूरी कर लेते थे। क्योंकि यहां से बाहर जाने के बाद उन्हें पढ़ाई का कोई संसाधन नहीं मिल पाता था।
तीसरे प्रयास में पूरा किया अपने सपने को
बता दें कि जब श्रीकांत रेलवे स्टेशन पर पढ़ नहीं पाते थे। तब वह नोट्स को डाउनलोड कर लेते थे। और फिर घर आकर उसी की मदद से अपनी पढ़ाई किया करते थे। बता दे कि श्रीकांत ने अपने आईएएस ऑफिसर बनने का सपना यूपीएससी एग्जाम के तीसरे प्रयास में पूरा किया। इससे पहले वह दो प्रयास में सफल नहीं हो पाए थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तीसरे प्रयास में एग्जाम क्लियर कर लिया। बता दें कि श्रीकांत में साल 2018 में यूपीएससी क्लियर कर सबको चौंका दिया था।
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