जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे भारत में शादी से पहले इंगेजमेंट सेरेमनी की जाती है। हालांकि ऐसा पहले नहीं था। लेकिन अब यह बहुत ही आम बात हो गई है। भारत के हर घर में जब भी अब किसी की शादी होती है। उससे पहले एक इंगेजमेंट का फंक्शन तो होता ही है। इंगेजमेंट करना आज के समय में एक आम बात हो गई है।
वजह से अनामिका उंगली में पहनाते हैं वेडिंग रिंग
जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे इंगेजमेंट में कपल एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। बता दे कि कपल इंगेजमेंट रिंग सिर्फ हाथ की अनामिका उंगली में ही पहनाते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? अगर नहीं जानते तो आज हम आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से बताएंगे कि इंगेजमेंट रिंग सिर्फ अनामिका उंगली में ही क्यों पहनाते हैं।
मिस्र से हुई थी वेडिंग रिंग पहनाने की प्रथा की शुरुआत
आपको बता दे कि एक रिपोर्ट के अनुसार शादी से पहले अंगूठी पहनाने की शुरुआत करीब 6000 साल पहले प्राचीन मिस्र में हुई थी। उस समय के मिस्र के लोगों का मानना था कि वेडिंग रिंग को सिर्फ अनामिका उंगली में पहनाना चाहिए। इसके पीछे प्राचीन मिस्र के लोगों का तर्क था कि इंसान की अनामिका उंगली से लेवर्स वेन नाम की एक नर्स सीधे दिल तक जाती है। बता दे कि प्राचीन मिस्र के लोगों का मतलब यह था कि अनामिका उंगली के तार सीधे दिल से जुड़े होते हैं। इसलिए सिर्फ इसी उंगली में रिंग पहनानी चाहिए।
सिर्फ अनामिका ही नहीं सारी उंगलियों के नस जुड़े होते हैं दिल से
लेकिन आपको बता दे कि सिर्फ अनामिका उंगली की ही नहीं बल्कि सारी ही उंगलियों के नस दिल से जुड़ी हुई होती है। शायद यह बात उस समय के प्राचीन मिस्र के लोगों को पता नहीं था। इसलिए उन्होंने अनामिका उंगली में ही सिर्फ रिंग पहनाने की प्रथा की शुरुआत की। बता दे कि उसी समय से यह जो अनामिका उंगली में रिंग पहनाने की प्रथा शुरू हुई वह अभी तक जारी है। लेकिन आपको बता दें कि यह महज एक अफवाह है कि सिर्फ अनामिका उंगली की ही नस दिल से जुड़ी हुई होती है।
भारत ने विदेशों से अपनाई है अंगूठी पहनाने की प्रथा
आपको बता दे कि किसी भी धर्म में यह बात अनिवार्य नहीं है कि वेडिंग रिंग सिर्फ अनामिका उंगली में ही पहनाना है। आपको बता दें कि यदूहियों में वेडिंग रिंग तर्जनी उंगली में पहनाई जाती है। फिर शादी के बाद दूसरी उंगली में भी इस वेडिंग रिंग को शिफ्ट किया जा सकता है। बता दे कि यहां तक कि इस्लाम या सनातन धर्म में भी अंगूठी पहनाने की रस्म की परंपरा अनिवार्य नहीं है। अंगूठी पहनाने की प्रथा भारत ने बाहरी देशों से अपनाया है।
किस हाथ में अंगूठी पहननी चाहिए इसकी शुरुआत ब्रिटेन से हुई थी
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि वेडिंग रिंग पहनाने की प्रथा और उसे अनामिका उंगली में ही पहनाने की शुरुआत प्राचीन मिस्र के लोगों ने की थी। लेकिन वेडिंग रिंग की अंगूठी को कौन से हाथ की उंगली में पहनाना है. इसकी शुरुआत करीब 450 साल पहले ब्रिटेन में हुई थी। बता दे कि ब्रिटेन के कैथोलिक चर्च के अनुसार वेडिंग रिंग को दाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहनना चाहिए। वही एंग्लिकन चर्च के अनुसार वेडिंग रिंग बाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहननी चाहिए।